खबर सहारनपुर से है। जहां बादशाही बाग के डाठा सौत के किनारे एक हाथी का फौसिल्स प्राप्त किया गया है। बता दें कि जनपद सहारनपुर के अंतर्गत शिवालिक वन प्रभाग जनपद का एक वन क्षेत्र है। जिसमें वन्य जीवों की गणना का कार्य पिछले 6 माह से किया जा रहा है। इसी के चलते इस क्षेत्र में विशेष सर्वेक्षण भी वन प्रभाग द्वारा किया गया। सर्वेक्षण के दौरान एक हाथी का फौसिल्स प्राप्त किया गया, इस फौसिल्स का अध्ययन वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी देहरादून के वैज्ञानिकों से करवाया गया उनके द्वारा बताया गया कि यह फौसिल्स हाथी के पूर्वज का है जिसको "स्टेगोडॉन" कहते है जो कि वर्तमान में विलुप्त हो चुके हैं यह फौसिल्स लगभग 50 लाख वर्षों से अधिक पुराना है और इस क्षेत्र में प्रथम बार रिपोर्ट किया गया है यह शिवालिक रेंज की डॉकपठान फार्मेशन का है! "स्टेगोडॉन" का दाँत 12 से 18 फीट लंबा होता था और उस समय हिप्पोपोटेमश, घोड़ा समकालीन थे और आज का हाथी भी उसी का एक रूप है जिसमे धीरे-धीरे चेंजिंग आए हैं, ओर आज की तारिख में "स्टेगोडॉन" खत्म हो चुके है, लेकिन जो उनके डीएनए के थ्रू उनके जो चेंजेज आए हैं जो आज का हाथी है ये अफ्रीकन व इंडियन प्रजाति में एगजेस कर रहा है!